मेरी तन्हाई तुझसे वहदत है
यानि अब तुझसे मिलना ज़हमत है
दिल में तेरे लिए मोहब्बत है
उस ख़ुदा से यही तो निस्बत है
तू हमें भूल कर अगर ख़ुश है
तो तेरा ये सितम भी रहमत है
रास्ते में कोई रुकावट नइँ
यानि मंज़िल नहीं है आफ़त है
ज़र्फ़ प्याला नहीं मेरा ग़म है
जितना गहरा है उतनी वुसअत है
तेरी जानिब ही आना है मुझको
पहले भटकूँगा,मेरी आदत है
ख़ामियों में गिनाए वो लम्हें
जिनमें कहता था हाँ इजाज़त है
तेरी आँखों में बीता हर लम्हा
ज़ेहन में रहता एक मुद्दत है
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