ये सब कैसे हो जाता है - Subrat Tripathi

ये सब कैसे हो जाता है
लम्हा़ कैसे खो जाता है

प्यार की कोई उम्र नहीं है
मत पूछो बस हो जाता है

तुमको पाना पागल पन है
पागल पन तो हो जाता है

मैं तुझमे जगता हूँ हरपल
तू क्यों मुझ में खो जाता है

जिसको भी तुम छू लेती हो
वो तो सोना हो जाता है

- Subrat Tripathi
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