दिल में मेरे अभी बाक़ी ये ख़ला रहने दो
ज़ख़्म मुझको है बहुत बाद मिला, रहने दो
मेरे आँगन के चिराग़ो को बुझा दो, लेकिन
उसके आँगन के चिराग़ो को जला रहने दो
उसकी मर्ज़ी है वो घर आये, नहीं आये मगर
तुम, ये बेहतर है की दरवाज़ा खुला रहने दो
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