बैठी हूँ इन्तिज़ार में बनठन के सामने
आएंगे साजना अभी आँगन के सामने
साया बनाऊँ हूँ मैं तख़य्युल में यार का
परछाई रक़्स करती है धड़कन के सामने
मेरी बड़ी है प्यास बताऊँगी भूक को
रोऊँगी फूट फूट के सौकन के सामने
लेके फिरूँ हूँ यार की सूरत गली गली
मोहन ही आ गए मेरे मोहन के सामने
पाज़ेब चूड़ियाँ मेरे किस काम की रहीं
नंगे बदन ही जाना है साजन के सामने
अपने अकेलेपन का करूँ हूँ मैं यूँ इलाज
दर्पन है पीछे और मैं दर्पन के सामने
मिलती नहीं हूँ पी से इसी वास्ते बलम
जाती नहीं है रांड सुहागन के सामने
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