वो महफ़ूज़ पनाहें घर-में नइँ देखीं
इक मुद्दत से तेरी बाँहें नइँ देखीं
तुम ने हुस्न भी देखा है तो क्या देखा
गर जो तुम ने उस की आँखें नइँ देखीं
आना चाहिए तुम को क़ुदरत की ख़ातिर
इन पेड़ों ने कब से बहारें नइँ देखीं
हम ने ख़ूब इंक़िसाम होते देखे हैं
पर तुम ने कटती हुई शाख़ें नइँ देखीं
मुझे बदी करने से जो डर लगता है
इसलिए मैं ने कभी सलाखें नइँ देखीं
तुम को लगता है इश्क़ आसाँ है करना
तुमने काँटो से भरी राहें नइँ देखीं
घर बाहर से मुशद्दद लगा हमें लेकिन
हम ने नींव में पड़ती दरारें नइँ देखीं
जब वो बरसती है तो आपदा बन कर के
इस जीवन में कभी फुहारें नइँ देखीं
मैं ने तुझ को याद किया है मिलन लेकिन
तू मेरा हो ऐसी यादें नइँ देखीं
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