उन्हीं फिर रास्तों से मैं गुज़रने तो नहीं वाला
कि मैं ख़ुद से तेरे कारन बिखरने तो नहीं वाला
तेरी धमकी से अच्छे से मैं वाक़िफ़ हूँ समझ यारा
सो अब धमकी से मैं तेरी यूॅं डरने तो नहीं वाला
तेरी आदत रही है साथ मेरा छोड़ देने की
मगर अब मैं मोहब्बत से मुकरने तो नहीं वाला
शजर पर चढ़ गया हूँ मैं परिंदों के लिए आख़िर
तो जल्दी से मैं इस पर से उतरने तो नहीं वाला
तेरी मर्ज़ी जो मुझको छोड़ कर जाने लगा है तू
जी इस कारन से आँखों को मैं भरने तो नहीं वाला
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