उसने जिस दिन से मुझको खोया है - Surendra Bhatia "Salil"

उसने जिस दिन से मुझको खोया है
फिर कभी चैन से न सोया है

तुम जिसे सोच भी नहीं सकते
रोज़ यादों में मेरी रोया है

ज़िन्दगी भर फलेगा इश्क़ इस पर
बीज मैंने भी ऐसा बोया है

मेरे हाथों पे इतनी कालिख है
'आदतन कोई ज़ख़्म धोया है

जिसने बस्ता उठाना था उसने
ज़िन्दगी तेरा भार ढोया है

तू ही तन्हा नहीं मोहब्बत ने
मेरा तकिया भी तो भिगोया है

आँख मूँदे 'सलिल' सुकूँ में है
बाद मुद्दत के आज सोया है

- Surendra Bhatia "Salil"
0 Likes

More by Surendra Bhatia "Salil"

As you were reading Shayari by Surendra Bhatia "Salil"

Similar Writers

our suggestion based on Surendra Bhatia "Salil"

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari