मुहब्बत इबादत इबादत मुहब्बत
इबादत मुहब्बत मुहब्बत इबादत
ये विरसे में रब की रज़ा से मिले हैं
किसी को नुबुव्वत किसी को इमामत
हमें ऐसे लूटा अज़ीजों ने देखो
कि जैसे हैं हम कोई माल-ए-ग़नीमत
अगर हो मुहब्बत में नाकाम आशिक़
करो दश्त में फिर हमारी सी वहशत
हमें क़त्ल कर के हमें लिख दो क़ातिल
तुम्हारी हुकूमत तुम्हारी अदालत
अगर है ख़ुदा का ज़रा ख़ौफ़ दिल में
तो मज़लूम बेकस की कर तू हिमायत
तुम्हारे बिना ख़ुद के हम ख़ुद नहीं हैं
तुम्हारे बिना और जीने की हसरत
अगर तुम इधर से उधर हो गए तो
ख़ुदा से करेंगे तुम्हारी शिकायत
मुहब्बत के हामी हो नारा लगाओ
है हर आदमी की ज़रूरत मुहब्बत
ये नफ़रत अदावत ये रंजिश ये कीना
मिटा दो दिलों से हसद ये कुदूरत
जो सपने इन आँखों में देखो हो शब भर
ख़ुदा से दुआ है हों सब वो हक़ीक़त
हमें बख़्श दो या हमें तुम सज़ा दो
तुम्हारे हैं मुजरिम तुम्हें हैं इजाज़त
मुहब्बत में तुमको शजर क्या मिला है
अज़िय्यत अज़िय्यत अज़िय्यत अज़िय्यत
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