थकीं आँखों को कुछ पल के लिए आराम दे देना
ख़ता होगी वो तेरी पर मुझे इल्ज़ाम दे देना
मिरी नज़रों ने देखा जब उसे इक ख़्वाब सा जागा
लिखा है ख़त में मैंने कुछ उसे पैग़ाम दे देना
तुम्हारे शहर के तारों की कुछ बातें अलग सी हैं
उजाली रात का उनको बड़ा ईनाम दे देना
अगर फ़ुर्सत मिले मेरी ये तहरीरों को पढ़ लेना
हँसी झलके जो पढ़ के तो इन्हें इक नाम दे देना
Read Full