पहले सर पर बिठाएगा तुमको - umar udas

पहले सर पर बिठाएगा तुमको
जान ख़ुद की बताएगा तुमको

जब तुम्हारा शबाब उतरेगा
देखना छोड़ जाएगा तुमको

जान-ए-मन जान-ए-रूह जान-ए-जाँ
पहले ऐसे बुलाएगा तुमको


जितनी तुम उसपे मरती जाओगी

उतना ही वो सताएगा तुमको
लड़कियों तुम हो काँच की मानिंद

देखना तोड़ जाएगा तुमको
जिसको तुम चाँद कहती फिरती हो

वो ही तारे दिखाएगा तुमको
जब भी पूछोगी उससे शादी का

तब वो रो के दिखाएगा तुमको
ऐसे लड़कों की तुम हो कठपुतली

उँगलियों पे नचाएगा तुमको


ये नहीं है 'उमर' फ़रिश्ता है
जिससे पूछो बताएगा तुमको

- umar udas
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