कैसे बताऊं अब मुझे क्या-क्या नहीं पसंद
बस तू पसंद है कोई तुझ-सा नहीं पसंद
नींदें उड़ा गए जो इन आंखों के ख़्वाब थें
ऐसा नहीं कि अब मुझे सोना नहीं पसंद
लौटा के जब से आएं हैं कॉपी वो उसकी हम
तब से हमें तो अपना ही बस्ता नहीं पसंद
पहले बनाया उसने तो अपनी तरह मुझे
कहता है अब कि मैं उसे ऐसा नहीं पसंद
जिस्मों के रस्ते अा गए हैं दिल तलक तो हम
आसां बहुत है पर, हमें रस्ता नहीं पसंद
फिर आप ऐसी दरिया पे लानत ही भेजिए
मेरी तरह का गर उसे प्यासा नहीं पसंद..
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