Search
Shayari
Writers
Moods
Festivals
Blog
eBook
Whatsapp Stickers
Community
Login
Home
Shayari
Search
Audio
More
Writers
Become a writer
Festivals’ Collection
Blog
eBook
Whatsapp Stickers
Community
Get Shayari On WhatsApp
Help & Support
Team
Log In
Back
By:
00:00/00:00
Azm Shakri
Azm Shakri
हमको दिल से भी निकाला गया, फिर शहर से भी
हमको पत्थर से भी मारा गया, फिर ज़हर से भी
Top 10 of Azm Shakri
Sher
Ghazal
मुझे एक लाश कहकर न बहाओ पानियों में
मेरा हाथ छू के देखो मेरी नब्ज़ चल रही है
Azm Shakri
17
अगर साए से जल जाने का इतना ख़ौफ़ था तो फिर
सहर होते ही सूरज की निगहबानी में आ जाते
Azm Shakri
1
मेरे जिस्म से वक़्त ने कपड़े नोच लिए
मंज़र मंज़र ख़ुद मेरी पोशाक हुआ
Azm Shakri
1
शब की आग़ोश में महताब उतारा उस ने
मेरी आँखों में कोई ख़्वाब उतारा उस ने
Azm Shakri
0
सारे दुख सो जाएँगे लेकिन इक ऐसा ग़म भी है
जो मिरे बिस्तर पे सदियों का सफ़र रख जाएगा
Azm Shakri
3
ये जो दीवार अँधेरों ने उठा रक्खी है
मेरा मक़्सद इसी दीवार में दर करना है
Azm Shakri
3
अजीब हालत है जिस्म-ओ-जाँ की हज़ार पहलू बदल रहा हूँ
वो मेरे अंदर उतर गया है मैं ख़ुद से बाहर निकल रहा हूँ
Azm Shakri
2
ज़ख़्म जो तुम ने दिया वो इस लिए रक्खा हरा
ज़िंदगी में क्या बचेगा ज़ख़्म भर जाने के बाद
Azm Shakri
10
ज़िंदगी मेरी मुझे क़ैद किए देती है
इस को डर है मैं किसी और का हो सकता हूँ
Azm Shakri
0
यूँ बार बार मुझ को सदाएँ न दीजिए
अब वो नहीं रहा हूँ कोई दूसरा हूँ मैं
Azm Shakri
7
आँसुओं से लिख रहे हैं बेबसी की दास्ताँ
लग रहा है दर्द की तस्वीर बन जाएँगे हम
Azm Shakri
5
वक़्त-ए-रुख़्सत आब-दीदा आप क्यूँ हैं
जिस्म से तो जाँ हमारी जा रही है
Azm Shakri
3
मैं ने इक शहर हमेशा के लिए छोड़ दिया
लेकिन उस शहर को आँखों में बसा लाया हूँ
Azm Shakri
2
आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैं
आज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ
Azm Shakri
8
जो बच गए हैं चराग़ उनको बचाये रक्खो
मै चाहता हूँ हवा से रिश्ता बनाये रक्खो
Azm Shakri
2
ज़िन्दगी, यूँ भी गुज़ारी जा रही है
जैसे, कोई जंग हारी जा रही है
जिस जगह पहले से ज़ख़्मों के निशां थे
फिर वहीं पे चोट मारी जा रही है
Read Full
Azm Shakri
4
लाखों सदमें ढेरों ग़म, फिर भी नहीं हैं आंखें नम
इक मुद्दत से रोए नहीं, क्या पत्थर के हो गए हम
Azm Shakri
13
हमको दिल से भी निकाला गया, फिर शहर से भी
हमको पत्थर से भी मारा गया, फिर ज़हर से भी
Azm Shakri
88
Get Shayari on your Whatsapp
More Writers like Azm Shakri
Kafeel Rana
Ritesh Rajwada
Gulzar
Javed Akhtar
Unknown
How's your Mood?
View All
Deshbhakti
Friendship
Breakup
Romantic
Life
Latest Blog
View All
जौन एलिया: इश्क़ की क्लास
"दाग़" दिल पर लगें तो अच्छे हैं
आज और मजाज़: इश्क़ और इंक़लाब
अगले ज़माने में कोई 'मीर' भी था
जौन को जौन ही से ख़तरा है
शाइरी : एक ज़ाती ज़रूरत
उर्दू को हिंदी स्क्रिप्ट में कैसे लिखें और पढ़ें
उर्दू शायरी की बारीकियां
शायरी में करियर
बहर में शायरी
ख़याल से ग़ज़ल तक
बहर में मिलने वाली एक विशेष छूट: अलिफ़ वस्ल
बहर-ए-मीर
रदीफ़-क़ाफ़िया दोष और निवारण
"शायर" या "बॉलीवुड गीतकार"?
ग़ालिब कौन है?
शायरी और नज़्म
राहत इंदौरी: एक ख़ुदरंग शायर
Upcoming Festivals
View All
Krishna Janmashtami
National Sports Day