मेरी हालत मेरी सूरत से पहचानी नहीं जाती

  - Avtar Singh Jasser

मेरी हालत मेरी सूरत से पहचानी नहीं जाती
किसी सूरत तेरी सूरत से हैरानी नहीं जाती

हुजूम-ए-याद-ए-जानाँ है मेरे पहलू-नशीं 'जस्सर',
मगर फिर भी मेरे इस दिल से वीरानी नहीं जाती |

  - Avtar Singh Jasser

More by Avtar Singh Jasser

As you were reading Shayari by Avtar Singh Jasser

Similar Writers

our suggestion based on Avtar Singh Jasser

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari