कुछ पहले तो दुनिया में बुरा तक नहीं देखा
देखा तो मोहब्बत से भयानक नहीं देखा
बीनाई पे लटके हैं मोहब्बत के ही परदे
दुनिया में कुछ अच्छा है तो बे-शक नहीं देखा
सब जानके भी ज़हर पिया यार के हाथों
अपनी क़ज़ा को हमने अचानक नहीं देखा
वो आइने का शख़्स ही बस जानता है सच
बस उसकी निगाहों में कभी शक नहीं देखा
जिन आँखों की चाहत में मैं पागल हुआ हूॅं दोस्त
उन आँखों ने ही मुझको अभी तक नहीं देखा
As you were reading Shayari by Bhuwan Singh
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