0

हम ने किसी की याद में अक्सर शराब पी - Fazil Jamili

हम ने किसी की याद में अक्सर शराब पी
पी कर ग़ज़ल कही तो मुकर्रर शराब पी

यादों का इक हुजूम था तन्हा नहीं था मैं
साहिल की चांदनी में समुंदर शराब पी

मुद्दत के बाद आज मैं ऑफ़िस नहीं गया
ख़ुद अपने साथ बैठ के दिन भर शराब पी

इस कॉकटेल का तो नशा ही कुछ और है
ग़म को ख़ुशी के साथ मिला कर शराब पी

वैसे तो हम ने पी ही नहीं थी कभी शराब
पीने लगे तो वज्द में आ कर शराब पी

अब कौन जा के साहिब-मिम्बर से ये कहे
क्यूं ख़ून पी रहा है सितमगर शराब पी

- Fazil Jamili

Tanhai Shayari

Our suggestion based on your choice

More by Fazil Jamili

As you were reading Shayari by Fazil Jamili

Similar Writers

our suggestion based on Fazil Jamili

Similar Moods

As you were reading Tanhai Shayari