हसीन लहजे में कोई पुकारे यार मुझे - SAFEER RAY

हसीन लहजे में कोई पुकारे यार मुझे
भले मिले जो ये ईनाम का वो दार मुझे

मुबारका है तुझे रंग-ओ-बू के सारे महल
तो अब भले ही मिले ये बुझी बहार मुझे

मिले है बन के सभी लफ़्ज़ इक ग़ज़ल के लिए
ख़ुदा करे जो कभी फिर मिले ये प्यार मुझे

हिसार मर्ग से जो झाँकते हैं दीद मेरे
तू बारिशों सा मिले ख़ुशनुमा बयार मुझे

तेरी हँसी से ही है साज़गार साज़ों की
तो राग बन तू कभी फिर बना सितार मुझे

गला भी बैठ गया जब लिया पुकार तुझे
तो एक बार सही तू भी तो पुकार मुझे

तेरे ही इश्क़ में मैं भी बहुत बिगड़ सा गया
तो बात मान मेरी फिर से अब सुधार मुझे

- SAFEER RAY
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