कैसे जीते ये जवानी हम जवानी के मुताबिक़

  - Dhirendra Pratap Singh

कैसे जीते ये जवानी हम जवानी के मुताबिक़
रोल ही जब नइँ मिला कोई कहानी के मुताबिक़

खेल हो कोई या फिर हो ज़िन्दगी इक ही नियम है
हर जगह चलता है राजा अपनी रानी के मुताबिक़

आप चाहें तो किसी और ढंग से मुझको बना लें
वैसे दो ही ऐब थे मुझमें पुरानी के मुताबिक़

ना-ख़ुदा ने इस हिदायत से बिठाया पास अपने
बहना होगा दरिया में 'धीरेंद्र' पानी के मुताबिक़

  - Dhirendra Pratap Singh

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