कुछ रोज़ के मेहमान हैं
धरती के जो भगवान हैं
ख़ुद को ख़ुदा हैं मानते
ये आज के इंसान हैं
इस बात को सब मान लो
सब लोग बेईमान हैं
जो राम को हैं पूजते
वो सब वतन की शान हैं
सब लोग तुम ये जान लो
हम भी किसी की जान हैं
लड़की सुनो तुम ख़ुश रहो
दिल के यही अरमान हैं
जो आशिक़ी में हैं पड़े
वो दिल सभी वीरान हैं
धनवान के हैं फ़ैसले
धनवान ही भगवान हैं
हर एक मुफ़लिस मार दो
सरकार के फ़रमान हैं
पहले ज़रा इंसान थे
अब तो सभी शैतान हैं
हम से नहीं कुछ पूछिए
हम आज-कल बेजान हैं
मुफ़लिस बहुत है आज ख़ुश
धनवान सब हलकान हैं
बच्ची नहीं जो छोड़ते
वो मर्द सब हैवान हैं
जो जीत लाए विश्व कप
इस देश के सम्मान हैं
रोहित हमारे दौर के
सबसे बड़े कप्तान हैं
'सागर' अकेला सुख से है
शादी-शुदा हैरान हैं
As you were reading Shayari by Saagar Singh Rajput
our suggestion based on Saagar Singh Rajput
As you were reading undefined Shayari