कुछ रोज़ के मेहमान हैं - Saagar Singh Rajput

कुछ रोज़ के मेहमान हैं
धरती के जो भगवान हैं

ख़ुद को ख़ुदा हैं मानते
ये आज के इंसान हैं

इस बात को सब मान लो
सब लोग बेईमान हैं

जो राम को हैं पूजते
वो सब वतन की शान हैं

सब लोग तुम ये जान लो
हम भी किसी की जान हैं

लड़की सुनो तुम ख़ुश रहो
दिल के यही अरमान हैं

जो आशिक़ी में हैं पड़े
वो दिल सभी वीरान हैं

धनवान के हैं फ़ैसले
धनवान ही भगवान हैं

हर एक मुफ़लिस मार दो
सरकार के फ़रमान हैं

पहले ज़रा इंसान थे
अब तो सभी शैतान हैं

हम से नहीं कुछ पूछिए
हम आज-कल बेजान हैं

मुफ़लिस बहुत है आज ख़ुश
धनवान सब हलकान हैं

बच्ची नहीं जो छोड़ते
वो मर्द सब हैवान हैं

जो जीत लाए विश्व कप
इस देश के सम्मान हैं

रोहित हमारे दौर के
सबसे बड़े कप्तान हैं

'सागर' अकेला सुख से है
शादी-शुदा हैरान हैं

- Saagar Singh Rajput
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