भरोसे का मिरे अब मान रखना तुम

  - Saagar Singh Rajput

भरोसे का मिरे अब मान रखना तुम
मिरी जाँ हो यही पहचान रखना तुम

सुना है सर्दियाँ हैं माइनस पंद्रह
सुनो अपना ज़ियादा ध्यान रखना तुम

जो पहरेदार हैं भारत की सरहद के
उन्हें महफ़ूज़ अब भगवान रखना तुम

ये क़िस्मत को कभी अच्छा नहीं लगता
मगर लब पर सदा मुस्कान रखना तुम

अगर मौक़ा मिले तो घूमना दुनिया
मगर सीने में हिन्दुस्तान रखना तुम

बुरी तो है बहुत सागर मगर दिल में
मुहब्बत के लिए सम्मान रखना तुम

  - Saagar Singh Rajput

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