वो बे-वफ़ा थी वो बे-वफ़ा है
सबसे बड़ी ये उसकी ख़ता है
दिल तोड़ कर वो ख़ुश है रहे ख़ुश
मेरी तरफ़ से उस को दुआ है
धोखा उसे भी दे जाए कोई
उसके लिए मेरी बद्दुआ है
उसका नहीं हो कोई जहाँ में
उसके लिए बस ये ही सज़ा है
हालात मेरे अच्छे नहीं हैं
ये दुश्मनों को कैसे पता है
उसको दिया है सम्मान मैं ने
सम्मान जिससे मुझको मिला है
जो बा-वफ़ा है आशिक़ जहाँ में
हर बे-वफ़ा उससे ही ख़फ़ा है
सब लोग समझो आए समझ तो
मिल कर रहो इसमें ही भला है
मेरा नहीं है कोई जहाँ में
शायद वफ़ा की ये ही सज़ा है
मेरा नमन वो स्वीकार कर लें
जिनके दिलों में सच में दया है
है पूजने के क़ाबिल वही दिल
मेरे बराबर जो दिल जला है
कोई दिवाना है क्यूँ दिवाना
कोई दिवाने से पूछता है
मैं हूँ सिटी में पर गाँव मेरा
अब रात दिन रस्ता देखता है
मिल कर रहो सब वरना जहाँ में
है कौन कब तक किस को पता है
'सागर' तिरा बस तेरा रहेगा
'सागर' तिरा बस तुझको मिला है
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