मिरे क़िस्से में कोई ग़म नही मिलता
मिरा मतलब मुझे हम - दम नही मिलता।
सवालों में जवाबों में ख़यालों में
तुझे ढूंढ़ा है तू बाहम नही मिलता।
नया इक रोग आया है बजारों में
जिसे लगता उसे मरहम नही मिलता।
निगाह - ए - नाज़ से मारा गया हूँ मैं
अगर बचता तो मुस्तहकम नही मिलता।
पिलाया होता गर आंखों का पानी तो,
यहाँ मैं आज तिश्ना - दम नही मिलता।
शनासा मैक़दे तक ले के चल मुझको
मुझे जो चाहिए आलम नही मिलता।
तिरा मिलना न मिलना और मुद्दा है
तिरा सानी ही कम-अज़-कम नही मिलता।
कभी जो फूल बरसाता था इक पौधा
उसे फूलों का इक मौसम नही मिलता।
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