तेरी तस्वीर का सहारा था
वक़्त सारा यूँ ही गुज़ारा था
तूने देखा नहीं मुझे मुड़ कर
मैने कितनी दफ़ा पुकारा था
तेरा यूँ मुझसे दूर हो जाना
ज़िंदगी का बड़ा ख़सारा था
और जब साथ था हमारे तू
वो नज़ारों में इक नज़ारा था
जो मुहब्बत में हाल है तेरा
हाल ऐसा कभी हमारा था
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