इस डर से किनारे पे उतर जाना था
क़िस्मत में लिखा डूब के मर जाना था
दीवानगी ले डूबी हमें दुख है ये
उस नाव से औरों को भी घर जाना था
हम एक मुसाफ़िर थे यहाँ धरती पर
घर थोड़ी बनाना था गुज़र जाना था
बैठा हूँ उदासी के यहाँ कब से मैं
सुनिए ये ख़ुशी मुझको इधर जाना था
जब से 'मधु' कुछ हाथ लगी है मेरे
सब भूल गया हूॅं कि किधर जाना था
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