Bano Tahira Sayeed

Bano Tahira Sayeed

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Bano Tahira Sayeed shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Bano Tahira Sayeed's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
मुझे तड़पा के शरमाता तो होगा
किए पर अपने पछताता तो होगा

न लगता होगा दिल बाग़-ए-इरम में
कभी घर मेरा याद आता तो होगा

शिकस्त-ए-ज़िंदगी दे कर मुझे यूँ
वो फ़ातेह बन के इतराता होगा

कभी याद आ ही जाते होंगे वो दिन
तेरा दिल भी तड़प जाता तो होगा

नहीं तर्क-ए-मोहब्बत इतना आसाँ
तसव्वुर मेरा रुलवाता तो होगा

सुकून-ए-ज़िंदगी में होगी हलचल
दिल-ए-मग़्मूम घबराता तो होगा

तबस्सुम छिन गया होगा लबों से
वो दिल ही दिल में ग़म खाता तो होगा

बहार-ए-रफ़्ता आती होगी जब याद
जुनूँ में सर को टकराता तो होगा

ब-ज़ाहिर ख़ुश सही लेकिन कहाँ ख़ुश
बनावट करके थक जाता तो होगा

वफ़ाएँ मेरी याद आती न होंगी
तिरी आँखों में अश्क आता होगा

ये माना बे-मुरव्वत संग-दिल है
मगर पत्थर पिघल जाता तो होगा

न जानी बेवफ़ा ने क़द्र-ए-ने'मत
मुझे अब खो के पछताता तो होगा

दिल-ए-महज़ूँ में टीस उठती न होगी
ख़याल-ए-'ताहिरा' आता तो होगा
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Bano Tahira Sayeed
मर मर के जिए यूँ दुनिया में जीने का सलीक़ा भूल गए
बेनाम-ओ-निशाँ कुछ ऐसे हुए हम नाम भी अपना भूल गए

सहरा से हुई निस्बत जब से वीरानों में महफ़िल जमती है
ऐ जोश जुनूँ तेरे सदक़े आबादी से रिश्ता भूल गए

सब हौसले दिल के पस्त हुए साहिल पे सफ़ीना क्या पहुँचा
मौजों से उलझना छोड़ दिया तूफ़ानों से लड़ना भूल गए

इक ख़्वाब सा जैसे देखा था ता'बीर न थी कोई जिस की
आवाज़ है कुछ कुछ याद मगर नक़्श-ए-रुख़-ए-ज़ेबा भूल गए

अब किस का सहारा बाक़ी है अब किस से शिफ़ा माँगे कोई
बीमारी ने अपना काम किया तुम जब से मसीहा भूल गए

इतना है हमारा अफ़्साना ऐ 'ताहिरा' इतना याद रहे
मुरझाए हुए ग़ुंचे की तरह खिलने की तमन्ना भूल गए
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