kya bataaun ki mere saath hua hai kya kya
kya diya hamne unhen hamko mila hai kya kya
tumko paane ki tamannaa mein mita hoon main ab
chhod ke tumko mere paas bacha hai kya kya
ishq karke hi mujhe ilm hua hai itna
ishq mein kya hai bhala aur bura hai kya kya
rang jab halke padenge to nazar aayega
kya haqeeqat hai yahaan aur dhuaa hai kya kya
ishq ke marz ka eelaaj bata chaaragar
dard ke had se guzarne pe dava hai kya kya
क्या बताऊँ कि मेरे साथ हुआ है क्या क्या
क्या दिया हमने उन्हें हमको मिला है क्या क्या
तुमको पाने की तमन्ना में मिटा हूँ मैं, अब
छोड़ के तुमको मेरे पास बचा है क्या क्या
इश्क़ करके ही मुझे इल्म हुआ है इतना
इश्क़ में क्या है भला और बुरा है क्या क्या
रंग जब हल्के पड़ेंगे तो नज़र आएगा
क्या हक़ीक़त है यहां और धुँआ है क्या क्या
इश्क़ के मर्ज़ का ईलाज बता चारागर
दर्द के हद से गुज़रने पे दवा है क्या क्या
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