साँस रोकी तो वो भी हमारे बने
जीते-जी जो कभी ना सहारे बने
इस दफ़ा ज़िन्दगी तुजसे क्या रूठे हम
फ़िर किसी की नज़र में ना खारे बने
इक तरफ़ रोई तू इक तरफ़ रोया मैं
क्यों ना पहले ये दिलकश नज़ारे बने
काँधे पे तेरा वो सर रहा याद बस
जब फ़लक़ पर कभी दो सितारे बने
जब कभी हमको तुम याद आते हो तो
ऐसा लगता है फिर हम तुम्हारे बने
जो जुदा हो के भी ना जुदा हो सकें
हम नदी के वही दो किनारे बने
कौन "गोविन्द" तुमसे मुहब्बत करें
तुम तो माँ बाप के भी ना प्यारे बने
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