गेसुओं ने साज़िश की
बादलों ने बारिश की
क़ल्ब ने गुज़ारिश की
हमने उनकी ख़्वाहिश की
मुझको भूल जाने की
उसने पूरी कोशिश की
आज हमने महफ़िल में
हुस्न की नुमाइश की
मुझको मेरे अपनों ने
मारने की साज़िश की
उसकी आख़िरी चिट्ठी
आज नज़्र-ए-आतिश की
लेके बोसा माथे का
दिल से दूर रंजिश की
कोहकन की जैसे ही
आज हमने काविश की
हैफ़ क़ैद-ख़ानों को
है तमन्ना ताबिश की
उम्र भर शजर रखना
आस रब से बख़्शिश की
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