About
तुम जो बिछड़े हो जल्दबाज़ी में
यार तुम रूठ भी तो सकते थे।।
महशर अफ़रीदी साहब का जन्म 25 जून 1970 को भारत के एक राज्य उत्तराखंड में हुआ था। महशर अफ़रीदी साहब शायर तो हैं ही उसके साथ-साथ एक गीतकार भी हैं। महशर अफ़रीदी साहब अपनी पत्नी (मोनिस अफ़रीदी) और चार बच्चों के साथ रहते हैं।
महशर अफ़रीदी साहब ने (B.Sc., Diploma in Civil Engineering) जैसे कोर्स किये हुए हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई (Ganjdunwara College, Ganjdunwara Agra University, Hathras) से पूरी की।
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मैं अगर अपनी जवानी के सुनादूँ क़िस्से
ये जो लौंडे हैं मेरे पाँव दबाने लग जाएँ।
महशर अफ़रीदी साहब ने अपने अशआर से नौजवानों के दिलों में मोहब्बत क़ायम की और अदब की दुनिया में अपना नाम भी दर्ज कराया। महशर अफ़रीदी साहब आज हर नौजवान शख़्स के दिल में जगह बनाये हुए हैं।
क़सम ख़ुदा की बड़े तजरबे से कहता हूँ
गुनाह करने में लज़्ज़त तो है, सुकून नहीं