इश्क़ की सब निशानियाँ तुझ को
ज़िंदगी भर, दे सिसकियाँ तुझ को
इतनी शिद्दत से हम करेंगे याद
मार डालेंगी हिचकियाँ तुझ को
किस के ख़त पढ़ के रोएगी तू अब
कौन लिक्खेगा चिट्ठियाँ तुझ को
काश इक दिन उड़ा के ले आएँ
मेरे घर तक ये आँधियाँ तुझ को
याद मेरी दिलाएगी हर वक़्त
ज़िंदगी की उदासियाँ तुझ को
नाम ले कर मेरा करेंगी तंग
रोज़ तेरी सहेलियाँ तुझ को
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