इक सदा हमको तेरे हर हाल की भी आ रही है
यार इतना भी न बन अब हमको हिचकी आ रही है
उसकी खुदगर्ज़ी को गुल बेचारा ये समझा कि बे-शक
उससे मिलने को ही रोज़ाना वो तितली आ रही है
मोजिज़ा था या शरारत रात की मालूम नहीं ये
नींद में कल ख़्वाब देखा नींद अच्छी आ रही है
शहर के उसके सुख़न-फ़हमों ने है हमको बुलाया
किसकी चिट्ठी आनी थी और किसकी चिट्ठी आ रही है
इश्क़ में तोहफ़े ये सब उससे मिले हैं हमको साहब
इस घड़ी को देखिए आप और अंगूठी आ रही है
गोली ना चल जाए मेरी साइकिल से उतरो भी अब
रस्ता पूरा हो गया तेरी हवेली आ रही है
इक ज़माने से मैं तन्हा जागता हूँ और 'आरुष
उम्र इक गुज़री है शब ये तन्हा सोती आ रही है
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