डर कमाना जानता हूँ

  - Vishakt ki Kalam se

डर कमाना जानता हूँ
डर छिपाना जानता हूँ

जानता हूँ कल बुरा है
पर निभाना जानता हूँ

मैं घिरा हूँ राख से पर
सब जलाना जानता हूँ

जानता हूँ तेज़ मेरा
रोष लाना जानता हूँ

आँख से मेरी हवा में
विष मिलाना जानता हूँ

उड़ रहे हैं जो गगन में
बाज़ ढाना जानता हूँ

जानता हूँ बल बढ़ाना
गिर उड़ाना जानता हूँ

कौन रोकेगा मुझे मैं
शव खपाना जानता हूँ

जानता हूँ दव बहाना
जल जलाना जानता हूँ

नाम में विष है हमारे
मैं बिसाना जानता हूँ

जीत को आदत बनाकर
राज़ पाना जानता हूँ

जानता हूँ मैं हक़ीक़त
मैं फसाना जानता हूँ

  - Vishakt ki Kalam se

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