0

मौसम पर मन का कोई अधिकार नहीं - Ashok Rawat

मौसम पर मन का कोई अधिकार नहीं
बादल हैं पर बारिश के आसार नहीं

बस्ती में कुछ लोग न मारे जाते हों
याद हमें ऐसा कोई त्यौहार नहीं

प्यार-मोहब्बत सीधे-सादे रस्ते हैं
कोई इन पर चलने को तैयार नहीं

सब मन की कमजोरी होती है वरना
गिर न सके ऐसी कोई दीवार नहीं

लोगों से उम्मीद नहीं सच बोलेंगे
सच सुनने को जब कोई तैयार नहीं

हार उसूलों की की ख़ातिर तो है मंजूर
जीत हमें पर शर्तों पर स्वीकार नहीं

जाने क्यूं अब शायर के होंठों पर भी
दिल को छू लेने वाले अशआर नहीं

सब मन की कमजोरी होती है वरना
गिर न सके ऐसी कोई दीवार नहीं

लोगों से उम्मीद नहीं सच बोलेंगे
सच सुनने को जब कोई तैयार नहीं

हार उसूलों की की ख़ातिर तो है मंजूर
जीत हमें पर शर्तों पर स्वीकार नहीं

जाने क्यूं अब शायर के होंठों पर भी
दिल को छू लेने वाले अशआर नहीं

- Ashok Rawat

Yaad Shayari

Our suggestion based on your choice

More by Ashok Rawat

As you were reading Shayari by Ashok Rawat

Similar Writers

our suggestion based on Ashok Rawat

Similar Moods

As you were reading Yaad Shayari