कुछ तो बदले अल्फ़ाज़ थे
कुछ तो बदले अहसास थे
जो गुज़र गए शायद
वो ही पल कुछ खास थे
जो रह रह के जल उठते थे
वो मेरे जज्बात थे
जाने क्यों तू चला गया
जाने क्या तेरे आस थे
हर लम्हे तुझे याद किया
जो भी मेरे पास थे
बीते कल के किस्से थे सब
जिंदा थे कुछ लाश थे
वक़्त करते आंख मिचौली
हम कितने बकवास थे
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