जिसने "अभिनव" कर्ब बसर कर लेना है
उसने अपनी रात सहर कर लेना है
अपनी क़ीमत को जिसने पहचान लिया
हर दिल में उस शख़्स को घर कर लेना है
सब्र, मुरव्वत, फ़रज़ाना किरदार में ला
फिर तूने हर हाल को सर कर लेना है
जिसने अपनी जंग लड़ी हो शिद्दत से
उसने अपना नाम अमर कर लेना है
इश्क़ बनाकर नाव, चले जब दीवाना
उसने राह बग़ैर सफ़र कर लेना है
अव्वल, अव्वल सबने आने की ज़िद है
क्या सबने मेहनत फ़र-फ़र कर लेना है?
ख़्वाबों की तस्वीर बनाने वालों ने
ख़्वाहिश को ही अपने 'पर' कर लेना है
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