वो मेरे ख़्वाब में आकर गले से जब लगाती है
उसे वापस भी जाना है वो अक्सर भूल जाती है
मुक़ाबिल चाँद भी उसके ज़रा फ़ीका सा लगता है
वो जब गोरे से माथे पर हरी बिन्दी लगाती है
बहारें आँख भर कर देखती हैं उसके जलवे को
पलट कर मुस्कुरा के जब भी वो फोटो खिंचाती है
जलन से लाल पीले फूल हो जाते हैं बाग़ों के
मिरी जाँ जब कभी बाग़ों में जाकर मुस्कुराती है
परी का रूप है धरती में वो सबसे हसीं लड़की
मिरे दिल को मिरी धड़कन मिरे यारो बताती है
कमी उसमें अगर है कुछ तो बस इतनी सी है यारो
वो 'सागर' को न जाने क्यूँ नहीं अपना बनाती है
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