इंसाँ हमारे दौर का शैतान है
इस बात से शैतान भी हैरान है
मुझको ज़रा ये बात समझाओ सभी
क्या बे-वफ़ा के साथ भी भगवान है
वो खेलती है आज-कल दिल से मिरे
ये दिल मिरा क्या खेल का सामान है
मैं बा-वफ़ा हर बे-वफ़ा से दूर हूँ
दिल बा-वफ़ाओं पे मिरा क़ुर्बान है
अब चैन भी पड़ता नहीं है आज-कल
अब ज़िन्दगी मेरी बहुत हलकान है
दुश्मन मिरा सुन ले मिरा ये फ़ैसला
मुझसे बग़ावत में बहुत नुक़सान है
मैं दुश्मनों से आज तक हारा नहीं
इस बात का मुझको बड़ा ही मान है
भाई मिरा है जन्म से दुनिया मिरी
ये ज़िन्दगी उस पर मिरी क़ुर्बान है
मुझसे मिरा अब हाल भी मत पूछिए
बे-जान हूँ मैं रूह भी बे-जान है
कोई नहीं है अब मिरा यारो सगा
मेरा सगा तो बस मिरा सम्मान है
'सागर' सभी को मानता है ग़ैर अब
'सागर' अभी हर शख़्स से अनजान है
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