मुझे जमाल-तराशी उदास करती है - Vikas Rajput

मुझे जमाल-तराशी उदास करती है
तो पत्थरों की कहानी उदास करती है

हमीं हैं चाँद के दीवाने लोग सो हमको
ये आफ़ताब-परस्ती उदास करती है

कभी कभी सभी त्यौहार याद आते हैं
तेरे बग़ैर ..... कलाई उदास करती है

हसीन ख़्वाब भी कुछ को नसीब होते हैं
किसी किसी को उदासी उदास करती है

- Vikas Rajput
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