0

दे दिए है दाग अब तो रंग जमना चाहिए - Nikunj Rana

दे दिए है दाग अब तो रंग जमना चाहिए
बस तिरे इस हाथ में खंजर न दिखना चाहिए

लग गए है घाव जितने रख दिए है खोल कर
हो न हो इस रंज का अंजाम होना चाहिए

दिल मिरा ये थम गया है हिज़्र की इक बात पर
कह रही है वो कि मुझको आम लगना चाहिए

है नही कोई गिला अब है नही कोई दुखन
इन लबो की मुस्कुराहट को दवा बनना चाहिए

थे अकल के काम करने को जमाने मे 'निकुंज'
हम वही करते रहे जो दिल समझना चाहिए

- Nikunj Rana

Dil Shayari

Our suggestion based on your choice

More by Nikunj Rana

As you were reading Shayari by Nikunj Rana

Similar Writers

our suggestion based on Nikunj Rana

Similar Moods

As you were reading Dil Shayari