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पा ए उम्मीद प रक्खे हुए सर हैं हम लोग हैं न होने के बराबर ही मगर हैं हम लोग तू ने बरता ही नहीं ठीक से हम को ऐ दोस्त ऐब लगते हैं बज़ाहिर प हुनर हैं हम लोग
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