किसी से कुछ भी नहीं कहेंगी हमारी आँखें

  - shampa andaliib

किसी से कुछ भी नहीं कहेंगी हमारी आँखें
तुम्हीं से शिकवा गिला करेंगी हमारी आँखें

तुम्हारी आँखें किसी को देखेंगी उस से पहले
तुम्हारी आँखों को देख लेंगी हमारी आँखें

कहीं पे चैन-ओ-क़रार इन को नहीं मिलेगा
यहीं रही हैं यहीं रहेंगी हमारी आँखें

अभी हो जैसे हमेशा ऐसे क़रीब रहना
वगरना देखो ये रो पड़ेंगी हमारी आँखें

यहाँ से जाने के बाद इन को नहीं भुलाना
तुम्हारा रस्ता तका करेंगी हमारी आँखें

ज़मीन-ओ-अम्बर नदी समंदर सब एक होंगे
हमारी आँखों से जब मिलेंगी तुम्हारी आँखें

  - shampa andaliib

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