जौन को रोज़ पढ़ रहा है वो
यानी हर ग़म में आश्ना है वो
है वो जिसके ख़याल में गुमसुम
कोई लड़की नहीं बला है वो
तू समझता है उसको नाज़ुक सा
माँओं के लाल खा गया है वो
बे-झिझक मिल रहा है वो मुझसे
दर्ज-ए-अव्वल का बेवफ़ा है वो
सुर्ख़ रंगों से ऐसी क्या रग़बत
हर पलक ख़ून थूकता है वो
तुम करोगे बराबरी उसकी
वो जो है जौन एलिया है वो
Read Full