कह दिया भाती है वफ़ा मुझको
इतने पे छोड़ वो गया मुझको
आदतें ख़ुद न अच्छी थी उसकी
और कहता रहा बुरा मुझको
होश रहता नहीं हो दिन या रात
तुमसे मिलके ये क्या हुआ मुझको
अब दुआ करनी चाहिए वर्ना
मार डालेगी हर दवा मुझको
शायरी कैसे कर रहा हूँ मैं
लगता है इश्क़ हो गया मुझको
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