फूल पर मानो तितलियाँ नहीं हैं
जिसके भी घर में बेटियाँ नहीं हैं
ज़िंदगी ऐसी खेल है जिस में
साँप हैं और सीढ़ियाँ नहीं हैं
मुझको बारिश अज़ीज़ है यारों
यूॅं ही कहता हूॅं छतरियाँ नहीं हैं
उसको बच्चों के साथ देखा था
उसके हाथों में चूड़ियाँ नहीं हैं
मेरे इक बोसे से खुलेगी वो
उस तिजोरी की चाबियाँ नहीं हैं
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