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Top 10 of
Kumar Prem Pinaki
Top 10 of
Kumar Prem Pinaki
जितना जीवन तुम जीते हो
हमने उतने ही काटे हैं
तेज़ तपिश से तुम डरते हो
अंगारों से यहाँ नाते हैं
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Kumar Prem Pinaki
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जिस दुनिया को हम जीते हैं
कोई क्या ऐसे जीता है
गर जीता है तो सोचो फिर
मसअला कितना संजीदा है
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Kumar Prem Pinaki
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जीवन में इतनी बाधाएँ
हर बाधाएँ हम ढोए हैं
दिन का जगना तो लाज़िम है
रातों के सपने खोए हैं
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Kumar Prem Pinaki
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यादें ही देखो पूरी हैं
रूहों के जलने के लिए
धोखे यहाँ ज़रूरी हैं
यारों सॅंभलने के लिए
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Kumar Prem Pinaki
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टूटे हुए को ही यहाँ
जुड़ने की चाहत होती है
सागर को मिलने में ही कब
दरिया की आदत होती है
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Kumar Prem Pinaki
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किसका कितना हिस्सा है
किसने कितना पाया है
बातें जो अनसुलझी हैं
सब भोले की माया है
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Kumar Prem Pinaki
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मेरी अपनी कहानी है
मेरे अपने क़िस्से हैं
दर्द नहीं इक जैसा है
उसके भी कई हिस्से हैं
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Kumar Prem Pinaki
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मन जब मौन हो जाता है
ख़ुद में कौन हो जाता है
Kumar Prem Pinaki
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दरिया इतना जो पानी लेकर बहता है
भीतर कोई कहानी लेकर बहता है
Kumar Prem Pinaki
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संघर्ष बिना जो जीता है
वो जीता कोई खास नहीं
दुनिया में कोई राम नहीं
जिसका अपना वनवास नहीं
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Kumar Prem Pinaki
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