कदमों में उसके दुनिया है
लेकिन फिर भी वो तन्हा है
बंदा चाहे जैसा भी हो
ग़ज़लें तो अच्छी कहता है
हासिल उतना ही होता बस
किस्मत में जितना लिक्खा है
मैं बिल्कुल उसके जैसा हूँ
वो बिल्कुल मेरे जैसा है
उसके हिस्से में खिड़की है
मेरे हिस्से दरवाज़ा है
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