Faizul Amin Faiz

Faizul Amin Faiz

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Faizul Amin Faiz shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Faizul Amin Faiz's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
किसी आसेब का साया है इस पर लोग कहते हैं
पड़ा रहता है वो हुजरे के अंदर लोग कहते हैं

मिरी बस्ती में इक बुढ़िया है जो सच-मुच की डाइन है
वो खा जाती है बच्चों को पकड़ कर लोग कहते हैं

हर इक रिश्ता यहाँ क़ाएम है बस मतलब परस्ती पर
ज़माने में यही राइज है कल्चर लोग कहते हैं

मुअज़्ज़िज़ शख़्सियत है शहर का अब नामवर ग़ुंडा
कि बन बैठा है वो पार्टी का लीडर लोग कहते हैं

सबक़ लेता है जो भी ख़ामियों से अपने माज़ी की
वही जाता है मुस्तक़बिल में ऊपर लोग कहते हैं

तअ'ल्लुक़ है मिरा बस दोस्ती की हद तलक उस से
ग़लत बातें ही लेकिन क्यों बराबर लोग कहते हैं

शिकस्ता नाव ले कर 'फ़ैज़' निकले हो समुंदर में
तुम्हारा डूब जाना है मुक़द्दर लोग कहते हैं
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Faizul Amin Faiz