Harshul Garg

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Harshul Garg shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Harshul Garg's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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"आसान नहीं थी आज़ादी"

पाबंदी थी सांसो पर, एक मृगतृष्णा थी आज़ादी
लहू से सींचा गया तिरंगा, खेल नहीं थी आज़ादी

बलिदानों को भूल ना जाना, कर्जदार बनकर रहना
दशकों के तप का फल है, आसान नहीं थी आज़ादी

है देश प्रेम तो देश तुम्हारा, बात है सीधी सच्ची सी
जो देश खिलाफी कर जाए, उसको साँसो से आज़ादी

सफेद में शोभित सत्यता, समृद्धि परोसे हरियाली
अशोक चक्र जीवन माला, केसरिया है बलिदानी
इन तीन रंगों के संगम में हिंदुस्तान सुसज्जित है
जहां नाम जुड़ेगा भारत का, वहाँ लहराएगी आज़ादी

झुका के सर थी पहल हुई, पर हाथ उठाना आता है
याद है हर दुनिया की ज़बान को, सैंतालीस की आज़ादी

देश प्रेम और देश भक्ति का कारण भी है आज़ादी
देश प्रेम और देश भक्ति के कारण भी है आज़ादी

पूर्ण स्वराज धरोहर है, अधिकार हमारा आज़ादी
हिंद पुकारो या भारत, पहला नाम है आज़ादी

हिंदुस्तान हमारा है, हर रोशन चाँद हमारा है
सितारों से उजली पेशानी है भारत की आज़ादी

हर धर्म से ऊँची आज़ादी, हर जात से ऊँची आज़ादी
है हर धड़कन में गूँज यही, आज़ाद रहेगी आज़ादी

अपने हाथ रहेगी आज़ादी
ज़िंदाबाद रहेगी आज़ादी
दुश्मन सोचों से मीलों दूर
आबाद रहेगी आज़ादी

नाज़ों से रखना यारों
बड़ी नाज़ुक चीज़ है आज़ादी
साल चौहत्तर हुए हैं बस
अभी नई नई है आज़ादी
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