इस बात से दिल नहीं है अंजान अब
आबाद था दिल मिरा है वीरान अब
बेजान दिल इश्क़ से हो ये फिर कभी
आबाद इसका नहीं कुछ इमकान अब
बेकार इस काम से मैं हूँ हो चुका
ऐ यार बेज़ार कर दो ऐलान अब
कोई न हो पाए दाख़िल अब इसलिए
दिल पे दिया है बिठा सो दरबान अब
बनना कभी था मुझे ये तो वो कभी
बनना मुझे है ख़ुदाया इंसान अब
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