तालीम पुरखों की भी ज़बानी में देखिए
या'नी किसी किताब पुरानी में देखिए
संसार को समझ सके सबकी निगाह से
किरदार इस तरह का कहानी में देखिए
हमसे ने पूछिए की रवाँ क्यूं हैं इश्क में
मे'यार राब्ते का दिवानी में देखिए
कुछ ख़्वाब पूरे होते ही हसरत भी मिट गई
कुछ ख़्वाब रह गए तो निशानी में देखिए
कश्ती ही बस नहीं मेरी महरूमी की वजह
ख़ामी कभी कभी तो रवानी में देखिए
अपना मक़ाम है यहां हर एक से जुदा
शीशे को छोड़ दीजिए पानी में देखिए
ये चश्म-ए-आब-दार नहीं-क़ाबिल-ए-यक़ीं
शब्दों के ए'तिबार मआनी में देखिए
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