Pratunj Anwar

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Pratunj Anwar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Pratunj Anwar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
उसकी उल्फ़त में छुपा पहलू-ए-बातिल निकला
मैं समझता था मसीहा जिसे, क़ातिल निकला

बात जब आई वफ़ादारी ओ ख़ुद्दारी की
अन्जुमन में कोई अपना न मुक़ाबिल निकला

सिलसिला जिसका जुड़ा रहता था तूफ़ानों से
डूबने वालों के हक़ में वही साहिल निकला

जिनको दावा-ए-ख़िरदमंदी था नादां निकले
जिसको दीवाना समझते थे वह आक़िल निकला

उसने चाहत भरी नज़रों से मुझे जब देखा
मुझको ऐसा लगा पहलू से मिरा दिल निकला

उनको समझाना उन्हें पाना उन्हें अपनाना
कितना आसान नज़र आता था, मुश्किल निकला

जिसके चहरे पे लकीरें थी वफ़ादारी की
हाए वो चहरा भी ग़द्दारों में शामिल निकला

उम्र भर उसके तजस्सुस में रहा मैं अनवर
इस तगोदौ का मगर कुछ भी न हासिल निकला
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Pratunj Anwar